किसी भी व्यक्ति के ऋण के लिए Loan Guarantor बनना एक महत्वपूर्ण और गंभीर जिम्मेदारी होती है। यह निर्णय कई वित्तीय जोखिमों और कानूनी दायित्वों के साथ आता है, जो कभी-कभी आपकी खुद की वित्तीय स्थिरता को हिला सकता है। भारत में, गारंटर बनने की प्रक्रिया और इसके तहत आने वाले जोखिमों को अच्छी तरह समझना जरूरी है, ताकि आप सही निर्णय ले सकें। इस लेख में हम Loan Guarantor बनने के संभावित जोखिम, कानूनी पहलुओं और इसके परिवार पर पड़ने वाले प्रभावों को विस्तार से समझेंगे।
Loan Guarantor बनने के प्रमुख जोखिम
1. प्राइमरी लायबिलिटी (Primary Liability)
Loan Guarantor बनने के बाद आपकी जिम्मेदारी उतनी ही महत्वपूर्ण हो जाती है जितनी उधारकर्ता की। यदि उधारकर्ता अपने ऋण का भुगतान करने में असमर्थ होता है, तो कर्जदाता सीधे आपसे भुगतान की मांग कर सकता है। भारतीय अनुबंध अधिनियम 1872 की धारा 128 के अनुसार, गारंटर की जिम्मेदारी उधारकर्ता के बराबर होती है, और कर्जदाता आपके खिलाफ तुरंत कार्यवाही कर सकता है। इसका अर्थ है कि कर्जदाता को पहले उधारकर्ता से पैसे वसूलने की कोशिश करने की जरूरत नहीं है, वह सीधे गारंटर से भुगतान मांग सकता है।
2. वित्तीय बोझ (Financial Burden)
गारंटर बनने पर आपको बकाया ऋण राशि के साथ-साथ ब्याज और किसी भी जुर्माने का भुगतान करने की जिम्मेदारी उठानी पड़ सकती है। यह जिम्मेदारी विशेष रूप से तब अधिक हो जाती है जब ऋण राशि बड़ी हो। गारंटर बनने से पहले यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आपके पास इतनी वित्तीय क्षमता हो कि आप इस जिम्मेदारी को निभा सकें।
3. क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव (Impact on Credit Score)
यदि आप Loan Guarantor के रूप में नामांकित होते हैं और उधारकर्ता ऋण का भुगतान नहीं कर पाता, तो यह आपकी क्रेडिट रिपोर्ट पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इससे आपका Credit Score कम हो सकता है, और भविष्य में आपको किसी नए ऋण के लिए आवेदन करने में कठिनाई हो सकती है।
4. कानूनी कार्यवाही (Legal Proceedings)
अगर उधारकर्ता ऋण का भुगतान नहीं करता, तो Loan Guarantor के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की जा सकती है। इसमें कोर्ट में केस लड़ने, कानूनी खर्चों का बोझ उठाने और अगर न्यायालय का फैसला कर्जदाता के पक्ष में जाता है, तो संपत्ति की जब्ती जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
गारंटी से बाहर निकलने की प्रक्रिया (Exiting the Guarantee)
1. कर्जदाता की सहमति (Consent of the Lender)
Loan Guarantor बनने के बाद इस दायित्व से बाहर निकलना आसान नहीं होता। इसके लिए आपको कर्जदाता की सहमति प्राप्त करनी होगी। कर्जदाता तभी सहमत होगा जब उसे एक नया गारंटर प्रदान किया जाए या अन्य कोई सुरक्षा दी जाए। इसके बिना, गारंटर को इस जिम्मेदारी से मुक्त किया जाना मुश्किल हो सकता है।
2. कंटिन्यूस गारंटी का रद्दीकरण (Revocation of Continuing Guarantee)
भारतीय अनुबंध अधिनियम 1872 की धारा 130 के अनुसार, Loan Guarantor अपने भविष्य के लेन-देन के लिए दी गई लगातार गारंटी को रद्द कर सकता है। हालांकि, यह रद्दीकरण गारंटर को उन लेन-देन से मुक्त नहीं करता जो रद्दीकरण की सूचना से पहले किए गए थे।
3. समझौते की शर्तें (Agreement Terms)
गारंटी से बाहर निकलने की शर्तें समझौते पर निर्भर करती हैं। इसमें यह निर्दिष्ट होता है कि आप किस स्थिति में और कब इस जिम्मेदारी से मुक्त हो सकते हैं। इसलिए, समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले उसकी शर्तों को ध्यान से पढ़ना और समझना आवश्यक है।
Loan Guarantor की मृत्यु पर जिम्मेदारी का हस्तांतरण
1. संपत्ति की जिम्मेदारी (Estate Liability)
Loan Guarantor की मृत्यु के बाद, उनकी जिम्मेदारी उनके परिवार के सदस्यों पर स्वचालित रूप से नहीं जाती। हालांकि, गारंटर की संपत्ति को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। कर्जदाता मृतक की संपत्ति से बकाया राशि वसूलने का दावा कर सकता है।
2. उत्तराधिकार (Succession)
अगर गारंटर की संपत्ति बकाया ऋण को चुकाने के लिए पर्याप्त नहीं है, तो परिवार के सदस्य व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार नहीं होते, जब तक कि उन्होंने सह-गारंटर की जिम्मेदारी नहीं ली हो या उन्होंने व्यक्तिगत रूप से गारंटी के लिए सहमति नहीं दी हो।
3. कानूनी ढांचा (Legal Framework)
भारतीय अनुबंध अधिनियम 1872 की धारा 131 के अनुसार, गारंटर की मृत्यु के बाद भविष्य के लेन-देन के लिए गारंटी रद्द हो जाती है। हालांकि, जो लेन-देन गारंटर की मृत्यु से पहले हुए थे, उनके लिए गारंटी उसकी संपत्ति पर लागू होती है।
Loan Guarantor बनने से पहले सावधानियां
1. उधारकर्ता की वित्तीय स्थिति की जांच करें (Understand the Borrower’s Financial Situation)
गारंटर बनने से पहले यह सुनिश्चित करें कि उधारकर्ता की वित्तीय स्थिति मजबूत है और वह ऋण चुकाने की क्षमता रखता है। उधारकर्ता के वित्तीय इतिहास, आय स्रोतों और ऋण भुगतान के रिकॉर्ड को अच्छी तरह से जांचें।
2. समझौते की शर्तों को ध्यान से पढ़ें (Review the Agreement Thoroughly)
Loan Guarantor बनने से पहले समझौते की शर्तों और नियमों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और समझें। अगर कोई शंका हो, तो कानूनी सलाह लें। यह सुनिश्चित करें कि आप किसी भी शर्त को समझने में चूक न करें, क्योंकि यह आपकी भविष्य की जिम्मेदारियों को प्रभावित कर सकता है।
3. अपनी जिम्मेदारी को सीमित करें (Limit Your Liability)
अगर संभव हो, तो अपने दायित्व को एक निश्चित राशि या समयावधि तक सीमित करने की कोशिश करें। यह आपको अत्यधिक वित्तीय बोझ से बचा सकता है।
4. दस्तावेजों का रिकॉर्ड रखें (Keep Records)
Loan Guarantor बनने से संबंधित सभी दस्तावेजों और संचार का रिकॉर्ड बनाए रखें। यह भविष्य में किसी भी विवाद या कानूनी कार्यवाही के दौरान आपके काम आ सकता है।
Loan Guarantor का उपयोग कम होना
हाल के वर्षों में Loan Guarantor का उपयोग कम होता जा रहा है, क्योंकि ऋण सुरक्षा बीमा (Loan Protection Insurance) उत्पादों की ओर झुकाव बढ़ रहा है। इन बीमा पॉलिसियों का उद्देश्य कर्जदाता और उधारकर्ता दोनों को किसी डिफॉल्ट की स्थिति में ऋण चुकाने के लिए सुरक्षित रखना है। इससे गारंटर की आवश्यकता कम हो जाती है।